IND-W Vs SA-W: शेफाली ने रचा इतिहास। लगाया सबसे तेज दोहरा शतक। स्मृति मंधाना ने लगाया शतक

   

शेफाली वर्मा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ कमाल की पारी खेली और अपना पहला दोहरा शतक टेस्ट क्रिकेट में लगाया।

IND W vs SA W: भारतीय महिला क्रिकेट टीम और दक्षिण अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम के बीच आज से एक मात्र टेस्‍ट मैच की शुरुआत हुई। 

पहले ही दिन भारतीय महिलाओं ने इतिहास रच दिया। पहले दिन के अंत तक भारतीय टीम का स्‍कोर 4 विकेट के नुकसान पर 525 रन है। 

यह विमेंस क्रिकेट के इतिहास में पहले दिन बना सबसे ज्‍यादा स्‍कोर है। 


मंधाना शेफाली के बीच रिकॉर्ड साझेदारी

पहले बल्‍लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को दमदार शुरुआत मिली। 

सलामी बल्‍लेबाज शेफाली वर्मा और स्‍मृति मंधाना ने पहले विकेट के लिए 292 रन जोड़े। 

विमेंस टेस्‍ट में यह पहले विकेट के लिए अब तक हुई सबसे ज्‍यादा रनों की साझेदारी है। 

52वें ओवर की आखिरी गेंद पर डेल्मी टकर ने इस पार्टनरशिप को तोड़ा।

उन्‍होंने मंधाना को एनेरी डर्कसन के हाथों कैच आउट कराया। मंधाना ने 92.55 की स्‍ट्राइक रेट से 161 गेंदों पर 149 रन बनाए। 

इसके बाद बल्‍लेबाजी करने आईं शुभा सतीश कुछ खास कमाल नहीं कर पाईं। 

उन्‍होंने 27 गेंदों पर 15 रन बनाए। नादिन डी क्लर्क ने उनका विकेट चटकाया।

रन आउट हुईं शेफाली वर्मा

75वें ओवर की पहली गेंद पर भारतीय टीम का तीसरा विकेट गिरा।

 दोहरा शतक जड़ चुकीं शेफाली वर्मा रन आउट हुईं। उन्‍होंने 104.06 की स्‍ट्राइक रेट से 197 गेंदों पर 205 रन ठोके। 

इस दौरान उनके बल्‍ले से 23 चौके और 8 छक्‍के निकले। इसके बाद जेमिमा रोड्रिग्स ने अर्धशतक लगाया। 

उन्‍होंने 8 चौकों की मदद से 94 गेंदों पर 55 रन की पारी खेली। डेल्मी टकर की गेंद पर नादिन डी क्लर्क ने उनका कैच लपका। कप्‍तान हरमनप्रीत कौर 76 गेंदों पर 42 रन और विकेटकीपर ऋचा घोष 33 गेंदें पर 43 रन बनाकर नाबाद हैं।


शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना द्वारा बनाए गए कुछ रिकॉर्ड

2- शैफाली वर्मा टेस्ट दोहरा शतक लगाने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं।

 मिताली राज 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ टॉनटन में यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली खिलाड़ी थीं।

205 - शैफाली वर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में किसी भारतीय महिला द्वारा दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड दर्ज किया।

 2002 में टॉनटन में इंग्लैंड के खिलाफ मिताली राज का 214 रन सर्वोच्च स्कोर है।

194 - शैफाली वर्मा ने महिला टेस्ट में सबसे तेज दोहरा शतक लगाया। 

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में 248 गेंदों का रिकॉर्ड बनाया था।

20 साल 152 दिन - शैफाली वर्मा महिला टेस्ट में शतक बनाने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की भारतीय बनीं।

 मिताली राज के नाम यह रिकॉर्ड 19 साल और 254 दिन का है।

8 – शैफाली वर्मा के नाम अब महिला टेस्ट पारी में सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड है। 

एलिसा हीली, लॉरेन विनफील्ड-हिल, शैफाली खुद (2 बार), सोफी डंकले और एनाबेल सदरलैंड ने पहले 2 छक्कों के साथ रिकॉर्ड बनाया था।

292 - स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा ने 292 रन की साझेदारी के साथ महिला टेस्ट इतिहास में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी का रिकॉर्ड बनाया। 

इससे पहले यह रिकॉर्ड किरण बलूच और साजिदा शाह की पाकिस्तानी जोड़ी के नाम था, जो उन्होंने 2004 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था।

292 - स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा ने महिला टेस्ट इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी दर्ज की।

 ऑस्ट्रेलिया के डेनिस ऑड्रे एनेट और लिंडसे ऐनी रीलर ने 1987 में इंग्लैंड के खिलाफ 309 रन की साझेदारी के साथ यह रिकॉर्ड बनाया था।

292 - स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा ने महिला टेस्ट में भारत के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड तोड़ा। 

थिरुश कामिनी और पुनम राउत की जोड़ी ने इससे पहले मैसूर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 275 रनों की साझेदारी कर यह रिकॉर्ड कायम किया था।

500 - स्मृति मंधाना महान मिताली राज के बाद महिला अंतर्राष्ट्रीय में सभी 3 प्रारूपों में 500 से अधिक रन बनाने वाली केवल दूसरी भारतीय बल्लेबाज बनीं।

2- स्मृति मंधाना कई टेस्ट शतक लगाने वाली तीसरी भारतीय महिला बनीं। अन्य हैं संध्या अग्रवाल (4) और हेमलता काला (2)

113 - शैफाली वर्मा ने 113 गेंदों पर महिला टेस्ट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड तोड़ा। 

उन्होंने जेनेट ब्रिटिन का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 1984 में 137 गेंदों पर यह रिकॉर्ड बनाया था।

20 साल 152 दिन - शैफाली वर्मा टेस्ट में 500 रन बनाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बनीं।

 वह संध्या अग्रवाल से आगे निकल गईं, जिन्होंने 21 साल और 308 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।

150 - शैफाली वर्मा महिला टेस्ट में 150 प्लस स्कोर हासिल करने वाली तीसरी भारतीय ओपनर बनीं। 

थिरुश कामिनी की 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 192 रन और संध्या अग्रवाल की 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ 190 रन अन्य उदाहरण हैं।

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